कभी तो वो दिन आएगा

कभी तो वो दिन आएगा,

जब दिल दिल की राह पाएगा,

कभी तो देखेंगे वो सहर,

ख़ुदा की जब बरसेगी मेहर,

जब मोहब्बत न होगी रुसवा,

इंसानियत का परचम लहराएगा,

जब सच का होगा राज,

और झूठ का होगा पर्दाफ़ाश,

जब इंसाफ़ की तूती बजेगी,

जब अमन की बगिया सजेगी,

जब गुस्ताखी न होगी किसी की शान में,

कमी न होगी किसी के मान में,

जब इंसानी क़दरों का लोहा गढ़ेगा,

जब सच्चे का हौंसला बढ़ेगा,

जब जंगों की न होंगी बातें,

न होंगी नफ़रत की काली रातें,

तब सब ले हाथों में हाथ,

उजालों की और बढ़ेंगे साथ-साथ,

इक नयी ख़ुशनुमा ज़िंदगी की करेंगे शुरुआत,

ख़ुशबू जिसकी महकेगी, निराली होगी जिसकी बात!

अरुण भगत

सर्वाधिकार सुरक्षित

#arunbhagatwrites#poetry# poeticoutpourings#outpouringsof myheart#writer#Indianwriter#englishpoetry#hindipoetry#poetryofthesoul

Published by Arun Bhagat

I love to talk through my writings.@

2 thoughts on “कभी तो वो दिन आएगा

Leave a comment

Design a site like this with WordPress.com
Get started